उत्तराखंड

उत्तराखंड विधानसभा का सत्र अनिश्चितकाल के लिए हुआ स्थगित

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उत्तराखंड विधानसभा का सत्र अनिश्चितकाल के लिए हुआ स्थगित,21,117 करोड़ का बजट हुआ पास,सबसे ज्यादा खर्च वेतन-पेंशन पर

देहरादून पांचवी विधानसभा का पहला सत्र अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया है।दूसरे दिन विपक्ष के हंगामे के बाद भी सत्र में 21117 करोड़ का लेखानुदान बजट पास हुआ है। दो दिवसीय सत्र की कार्यवाही 7 घंटे 23 मिनट तक चली.विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने सदन की कार्यवाही को लेकर सभी का आभार व्यक्त किया है।

उत्तराखंड में चार महीने के लिए पेश किए गए लेखानुदान में किए गए प्रावधान में सबसे ज्यादा खर्च वेतन और पेंशन पर ही होगा। सरकार करीब 3700 करोड़ रुपये ऋण अदायगी और ब्याज अदायगी पर खर्च करेगी। नए वित्तीय वर्ष के कुल 62 हजार 468 करोड़ बजट में से 24 हजार 77 करोड़ खर्च वेतन और पेंशन पर होना है।

लेखानुदान में कुल 21 हजार 117 करोड़ में से आठ हजार 25 करोड़ का खर्च वेतन और पेंशन पर किया जाएगा। सालभर में सरकार कर्मचारियों के वेतन पर 17390 करोड़ खर्च करती है, जिसमें से इस लेखानुदान में 5796 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इसी प्रकार, पेंशन के लिए सालभर में 6687 करोड़ में से लेखानुदान में 2229 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

विधानसभा सत्र के दौरान उत्तराखंड विनियोग (लेखानुदान) विधेयक 2022 पारित हुआ. अध्यादेशों की बात करें तो इस सत्र में उत्तराखंड उद्यम एकल खिड़की सुगमता एवं अनुज्ञापन अध्यादेश 2021, उत्तराखंड अग्निशमन एवं आपात सेवा, अग्नि निवारण एवं अग्नि सुरक्षा संशोधन अध्यादेश 2022 पारित हुआ।

*प्रतिवेदन*

-भारत के नियंत्रक- महालेखापरीक्षक द्वारा प्रस्तुत उत्तराखंड सरकार के वर्ष 2020-21 के वित्त लेखेे एवं विनियोग लेख।

-उत्तराखंड पंचम राज्य वित्त आयोग, उत्तराखंड (पंचायती राज एवं स्थानीय निकायें) का प्रतिवेदन।

*सूचनाओं पर सत्र में क्या कुछ हुआ*

-नियम 300 में प्राप्त 23 सूचनाओं में से सभी 23 सूचनाएं ध्यानाकर्षण के लिए रखी गई।

-नियम-53 में 22 सूचनाओं में सभी 22 ध्यानाकर्षण के लिए रखी गई।

-नियम-58 में प्राप्त 7 सूचनाओं में 5 को स्वीकृत किया गया।

-नियम 310 में 1 सूचना प्राप्त हुई जिसे नियम 58 में परिवर्तित किया गया।

विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने कहा उत्तराखंड राज्य में पहली महिला विधानसभा अध्यक्ष का उन्हें गौरव प्राप्त हुआ है। वह चाहती है कि अपने कार्यों से वह सदन में अपनी छाप छोड़े. उन्होंने कहा सदन में महिला सदस्यों को भरपूर अवसर प्रदान हो यह उनकी प्राथमिकता।

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