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यमकेश्वर के शिवदयाल गिरी जनता इंटर कॉलेज पोखरीखाल में पूर्व छात्रों द्वारा विद्यालय के शिक्षकों को आमंत्रित कर शिक्षक दिवस पऱ संम्मानित किया गया

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बालाजी टाइम्स न्यूज देहरादून उत्तराखंड

शिक्षक दिवस पर पूर्व छात्रों ने अपने पूर्व गुरुजनों को किया सम्मानित

यमकेश्वर : पूर्व छात्रों में श्रीसुदेश भट्ट , श्री मुकेश कुकरेती , श्री चंद्रपाल रावत, श्रीकिसन रावत, श्रीधर्मपाल राणा , श्री अशोक राणा , श्री चंद्रमोहन रौथांण , श्रीउदय नयाल, श्रीयोगेन्द्र पयाल द्वारा एक समिति बनाई गई औऱ उसके बाद निर्णय लिया गया कि सेवानिवृत शिक्षकों औऱ कार्मिको को विद्यालय में आमंत्रित कर शिक्षक दिवस पऱ सम्मानित करने का निर्णय लिया गया। समिति से जुड़े पूर्व छात्र श्री सुदेश भट्ट ने कहा कि पूर्व छात्रों द्वारा सर्व सहमति से निर्णय लिया गया कि शिक्षक दिवस पऱ कार्यक्रम आयोजित किया जाय व समस्त सेवा निबृत्त गुरु जनों को आमंत्रित किया जाय ।वही मंच संचालन कर रहे श्री मुकेश कुकरेती ने कहा कि आज हम सब जिन स्थानो में हैँ वह इस विद्यालय औऱ यँहा के गुरुजनो के द्वारा दी गई शिक्षा का प्रतिफल हैँ।


विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री डी एस असवाल ने कहा कि आज पूर्व औऱ वर्तमान शिक्षकों के साथ ही पूर्व औऱ वर्तमान विद्यार्थियों का मिलन होना सुनहरा अवसर हैँ। साथ जी उन्होंने कहा कि आज भी गुरु शिष्य का सम्बन्ध पहले जैसा ही हैँ। यह पूर्व विद्यार्थियों का शिक्षकों के प्रति सम्मान हैँ। आज कि स्थिति औऱ पूर्व कि स्थिति में बहुत अन्तर हो गया हैँ। वही पूर्व शिक्षकों ने अपने अपने अनुभव साझा करते हुए वक्तव्य दिए गये।
पूर्व प्रधानाचार्य श्री कोमल गिरी ने अपना सम्बोधन पत्र विद्यालयके प्रधानाचार्य श्री डी एस असवाल से पढ़ाया औऱ अपनी 30 साल कि लम्बी सेवा को याद करते हुए सबको धन्यवाद देते हुए. कहा कि आप लोंगो का स्नेह मुझे यँहा तक़ खींचकर ले आया। इस गुरु शिष्य परम्परा को निभाने के लिए पूर्व छात्र समिति का धन्यवाद प्रकट किया. श्री कन्हैयालाल शास्त्री ने कहा कि जीवन में गुरु शिष्य का संबंध का आज के समय में प्रत्यक्ष प्रमाण देखने को मिला।

 

 

 

श्री जय दत्त कुकरेती ने कहा कि पूर्व छात्रों के इस समान के कार्यकर्म को करने का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस विद्यालय को विज्ञान विषय कि सवित्त मान्यता हेतु प्रयास करें।
श्री भगत सिंह बडीयारी ने कहा कि पूर्व छात्र छात्राओ के द्वारा किये गये कार्यों से भाव विभोर हूँ, यह हमारा सौभाग्य रहा कि ऐसे शिष्यों के गुरु रहे हैँ। आज गुरु कुम्भ का आयोजन हुआ हैँ।

श्री चरण सिंह बिष्ट ने कहा कि यह सुखद पहल हैँ कि आज भी गुरु शिष्य संबंध यथावत चल रहा हैँ ऐसे कार्यक्रम हम सबके लिए प्रेरणादायक हैँ। श्री भगवती प्रसाद कपरवान जी ने राधाकृष्णन जी के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि पूर्व छात्रों ने ऐतिहासिक कार्य किया हैँ, हम सभी पूर्व गुरुजनो को सम्मानित किया हैँ। पुरानी यादों को स्मरण करते हुए सभी शिष्यों को कहा कि ऐसे शिष्य पाकर हमे गर्व हो रहा हैँ। उम्मेद सिंह रावत ने कहा कि पूर्व छात्राओ ने याद किया हैँ यह अविस्मरणीय रहेगा। इतना स्नेह मिला इसके लिए हम खुद को गौरवान्वित किया हैँ।


श्री दर्शन लाल कंडवाल ने कहा कि मैं सोचता था कि एक वक्त आने पऱ सब भूल जाते हैँ, किन्तु यह मेरी गलत फहमी थी, आज का इस सम्मान कार्यक्रम को देखकर महसूस हो गया कि मेरा सोचना गलत था, आज पूर्व छात्रों ने अपने गुरुजनो को सम्मानित करने का अद्वितीय कार्यक्रम किया हैँ। जीवन को सफल बनाने के लिए शिक्षा औऱ स्वास्थ्य का महत्वपूर्ण ध्यान रखना आवश्यक हैँ।

पूर्व प्रधानाचार्य श्री बीरबल सिंह असवाल जी ने कहा कि अक्सर जब मुझे विद्यालय कि याद आती हैँ तो मैं अपने सेवानिवृति के समय कि एल्बम देखता हूँ तो विद्यालय. में अपने साथी शिक्षकों के साथ पूर्व छात्रों के साथ बिताये पलो को याद करता हूँ। उन्होने कहा कि पूर्व छात्र मिलकर विज्ञान कि मान्यता के लिए अनुरोध किया गया।

सभी पूर्व शिक्षकों के साथ ही हेड क्लर्क श्री नागेंद्र प्रसाद बछेती श्री सुशील कुमार श्री फ़ौजू बलवंत सिंह श्रीमती सुमित्रा देवी श्री मोहन सिंह रौथाण श्री गिरीश चंद्र श्रीमती शकुंतला देवी को भी विद्यालय में योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
वही पूर्व छात्रों द्वारा एक बार यादों को ताजा करते हुए अपनी एक कक्षा लगवाई गई औऱ श्री भगवती प्रसाद कपरुवान ने पूर्व कि भाँति भूगोल विषय पढ़ाया गया। साथ ही सभी शिक्षकों ने विद्यालय के प्रांगण में पेड़ लगाये गये।

इस अवसर पर पूर्व छात्र सत्या हर्षवाल दिनेश जोशी मुकेश मदन भट्ट रजनीकांत राजन बिष्ट नीरज कुकरेती कमल किशोर कंडवाल विजय लक्ष्मी रावत लक्ष्मी बिष्ट विनीता लखेडा संगीता ग्वाडी नीरु कंडवाल महिपाल रौथांण हरेंद्र रौथांण दिनेश जोशी कांता जोशी विजय लक्ष्मी ध्यानी अनुराधा मीना हेम लत्ता सहित सैकड़ों पूर्व छात्र छात्रायें मौजूद थे

 

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